डायरेक्टर की फिल्म '' इस आने वाले 15 अगस्त को रिलीज होने जा रही है। निखिल का मानना है कि एक सहज अहसास होता है और आजकल इसका काफी गलत इस्तेमाल किया जा रहा है। उनका कहना है कि वह फिल्म के जरिए लोगों यह बताना चाहते हैं कि देश से प्यार करने के सच्चे मायने क्या हैं। निखिल ने कहा, 'मेरे लिए राष्ट्रवाद एक निजी मसला है लेकिन साथ ही मुझे ऐसा भी लगता है कि आजकल इस शब्द का गलत इस्तेमाल किया जा रहा है। और अगर आप इसे फिल्म बनाकर या किसी और जरिए से ठीक कर सकते हैं तो ऐसा क्यों नहीं करना चाहिए।' राष्ट्रवाद के गलत इस्तेमाल की व्याख्या करते हुए उन्होंने कहा, 'अगर आप खुद को राष्ट्रवादी नहीं दिखाते हैं या खुद को राष्ट्रवादी नहीं कहते हैं तो आप देशद्रोही हो जाते हैं। मुझे लगता है कि हमारा संविधान हमें जो चाहे वह करने की आजादी देता है।' आडवाणी ने कहा कि राष्ट्र की बेहतरी के लिए यह जरूरी है कि देश के भीतर की समस्याओं पर ध्यान दिया जाए। उन्होंने कहा, 'हम अपनी सभी समस्याओं के लिए पाकिस्तान को दोषी ठहरा देते हैं। फिल्म 'बाटला हाउस' में दिखाया गया है कि समस्या हमारे देश के भीतर भी मौजूद है।' इस फिल्म की कहानी को राइटर रितेश शाह, आडवाणी के पास लेकर आए थे जो दिल्ली की जामिया मिलिया इस्लामिया यूनिवर्सिटी में पढ़े हैं जो बाटला हाउस के नजदीक ही है। निखिल ने कहा, 'मैंने रितेश को कहा कि मैं फिल्म के बारे में सब कुछ पढ़ना चाहता हूं क्योंकि यह विवादित विषय है और इसमें लोगों के कई पक्ष हो सकते हैं।' बता दें कि इससे पहले भी डायरेक्टर निखिल आडवाणी के साथ फिल्म 'सत्यमेव जयते' में काम कर चुके हैं। निखिल उम्मीद जताते हैं कि सेंसर बोर्ड में उनकी फिल्म को ज्यादा कट्स नहीं लगाए जाएंगे। 'बाटला हाउस' को भूषण कुमार और जॉन अब्राहम ने प्रड्यूस किया है और इसमें रवि किशन और मृणाल ठाकुर भी प्रमुख भूमिकाओं में दिखाई देंगे।
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