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Friday, 19 November 2021

कंपोजर नदीम सैफी बोले- मुझे साजिश के तहत फंसाया गया, गुलशन कुमार बड़े भाई जैसे थे

बॉलिवुड में कुछ बेहद यादगार गानों का म्यूजिक देने वाली की जोड़ी एक समय पर टॉप पर थी। बाद में, 12 अगस्त 1997 में टी-सीरीज के मालिक गुलशन कुमार की अंडरवर्ल्ड ने हत्या कर दी। इस केस में म्यूजिक डायरेक्टर का नाम आ गया तो नदीम भारत छोड़कर दुबई और लंदन में रहने लगे। मुंबई की कोर्ट ने नदीम सैफी को सभी आरोपों से बरी कर दिया है मगर वह अभी तक भारत वापस नहीं आए हैं। हमारे सहयोगी टाइम्स ऑफ इंडिया से नदीम ने इस मुद्दे पर खुलकर बात की है। 'आशिकी' से बॉलिवुड में छा गई नदीम-श्रवण की जोड़ीसाल 1990 में महेश भट्ट की फिल्म 'आशिकी' में नदीम-श्रवण की जोड़ी ने म्यूजिक दिया। इस फिल्म के गाने ऐसे सुपरहिट हुए कि आज भी सुने जाते हैं। इसके बाद तो इस जोड़ी ने 'दिल है कि मानता नहीं', 'साजन', 'सड़क', 'दीवाना', 'फूल और कांटे', 'परदेस' जैसी फिल्मों में म्यूजिक दिया जिन्हें बेहद पसंद किया गया। नदीम के पास आज भी काफी फिल्मों के म्यूजिक देने और कॉन्सर्ट के ऑफर आते रहते हैं लेकिन 25 साल देश से दूर रहने के बाद वह महसूस करते हैं वह अपने प्लान अपने पास तक रखना चाहते हैं क्योंकि उन्हें लगता है कि लोगों की बुरी नजर लग जाती है। क्रेडिट नहीं दिए जाने से निराश हैं नदीमबॉलिवुड में आज भी सुपरहिट माने जाने वाले गाने नदीम-श्रवण ने कंपोज किए हैं। उनके कई गानों के रीमिक्स बने और टीवी शोज में रीक्रिएट किए गए मगर उन्हें क्रेडिट नहीं दिया जाता। नदीम ने कहा कि उन्हें खुशी है कि उनके गाने आज भी सुने जाते हैं मगर बड़े शोज में क्रेडिट नहीं दिया जाना गलत है। नदीम ने कहा कि कुमार सानू को उनके गानों के लिए मेलडी किंग कहा जाता है लेकिन उन्हें जो नाम मिला है वह केवल नदीम-श्रवण के गानों से ही मिला है। नदीम का कहना है कि कुमार सानू को तो पूरा क्रेडिट मिलता है लेकिन उनके म्यूजिक को कभी क्रेडिट नहीं दिया जाता है। 'गर्व है कि मेरे गाने देशभक्ति के प्रतीक हैं'गुलशन कुमार के केस के बाद नदीम पर अंडरवर्ल्ड से जुड़े होने के आरोप लगे और उनके बारे में पता नहीं क्या-क्या बोला गया। नदीम का कहना है कि इससे वह दुखी तो हुए लेकिन उनके लिए गर्व की बात है कि उनके गाने देशभक्ति के प्रतीक बन चुके हैं। नदीम ने कहा, 'आ अब लौट चलें का जब म्यूजिक दिया जाना था तो ऋषि कपूर ने कहा कि हमें राज कपूर साहब के मशहूर गाने को इस तरह से रीक्रिएट करना है कि वह उससे कहीं कम न दिखे। परदेस का हमारा गाना 'आइ लव माय इंडिया' बहुत अच्छा बना था जो बताता है कि आखिर भारत क्या है और उसकी आत्मा क्या है। इस गाने को स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस पर हमेशा प्ले किया जाता है जो मेरे लिए गर्व की बात है। 'मुझे साजिश के तहत फंसाया गया' में नाम आने के बारे में बात करते हुए नदीम ने कहा, 'मैंने सोचा था कि जल्द ही यह गलतफहमी दूर हो जाएगी। पापाजी (गुलशन कुमार) तो मेरे बड़े भाई जैसे थे और वह मुझे बेहत प्यार करते थे। मैं इंडिया भी वापस आना चाहता था मगर ऐसा नहीं हुआ। मुझे इस केस में फंसाने की साजिश रची गई। इंग्लैंड की कोर्ट ने माना कि मेरे खिलाफ कोई सबूत नही था। मुझे साजिशन फंसाया गया। जिन पुलिस अधिकारियों ने मुझे फंसाया था उन पर भी कई तरह के आरोप थे। मेरे साथ बहुत नाइंसाफी हुई है। मेरा न्याय व्यवस्था में पूरा भरोसा है लेकिन मुझे अभी तक पूरा न्याय नहीं मिला है। मैं आज भी म्यूजिक कंपोज करता हूं। मेरी पत्नी सुल्ताना मुझसे इन धुनों को टेप करने के लिए कहती हैं। मेरे पास आज भी बहुत म्यूजिक है। इंशा अल्लाह उन्हें जल्द ही लोगों को सुनने का मौका मिलेगा।' 'भारत को बहुत मिस करता हूं'25 साल से देश से बाहर रह रहे नदीम सैफी का कहना है कि वह अपने देश को बहुत मिस करते हैं। नदीम ने कहा, 'भारत मेरे दिल में बसता है। मैं अपने देश के लोगों की गर्मजोशी, मेरे दोस्तों और रिश्तेदारों को बहुत मि करता हूं। भारत का मतलब है प्यार जो पूरी दुनिया को दिखता है। मुझे लगता है कि भारतीय केवल किसी को प्यार दे सकता है। लेकिन इतने दिन वतन से दूर रहने के बाद मुझे पता चला है कि मातृभूमि की क्या अहमियत होती है। भले ही आपके पास सबकुछछ हो लेकिन वतन की मिट्टी की खुशबू से बढ़कर कुछ नहीं होता है।'


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