इन दिनों देशभर में मॉब लिंचिंग का मामला एक बार फिर से सुर्खियों में है। दरअसल देश की 49 जानी-मानी हस्तियों ने पीएम को एक चिट्ठी लिखी है। इस चिट्ठी में बॉलिवुड के कई नामचीन निर्देशकों के हस्ताक्षर हैं। मुंबई में आयोजित एक इवेंट में पहुंची अभिनेत्री ने भी इस चर्चित चिट्ठी पर अपनी सहमति जताते हुए कहा कि मॉब लिंचिंग देश में महामारी की तरह। आमतौर पर अपने ट्वीट्स की वजह से सुर्खियों में छाई रहने वाली स्वरा भास्कर ने कहा, 'यह बहुत ही सराहनीय चीज है कि देश के तमाम कलाकार, लेखक, डायरेक्टर देश में घाट रही मॉब लिंचिंग जैसी घटनाओं में इन्वॉल्व हैं और इफेक्टड हैं। मैं पिछले 3 से 4 सालों से इसी मुद्दे पर बात करने की कोशिश कर रही हूं। मैंने मानव सुरक्षा कानून की मांग भी की थी, चाहती हूं कि मॉब लिंचिंग के खिलाफ एक कानून बनें।' 'दुःख की बात है कि पिछले कुछ सालों में मॉब लिंचिंग को लेकर देश की स्थिति बेहतर होने की जगह और भी बुरी बन गई है। मॉब लिंचिंग देश में महामारी बन गई है और मुझे नहीं लगता कि हमें इस कड़वे सच से मुंह मोड़ना चाहिए, न ही हम इसे झूठ करार दे सकते हैं। यह सराहनीय है कि हमारे देश में कलाकार, लेखक, फिल्ममेकर देश के इन मुद्दों से प्रभावित होते हैं और इससे जुड़ते हैं। सरकार को इस चिट्ठी की तरफ ध्यान देना चाहिए। मैं पूरी तरह इस चिट्ठी लोगों के साथ हूं।' आपको बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को संबोधित इस चिट्ठी में लिखा गया है कि देशभर में लोगों को 'जय श्रीराम' नारे के आधार पर उकसाने का काम किया जा रहा है। साथ ही दलित, मुस्लिम और दूसरे कमजोर तबकों की मॉब लिंचिंग को रोकने के लिए तत्काल कदम उठाने की मांग की गई है। चिट्ठी में अपर्णा सेन, कोंकणा सेन शर्मा, रामचंद्र गुहा, अनुराग कश्यप, शुभा मुद्गल जैसे अलग-अलग क्षेत्र के दिग्गजों के हस्ताक्षर हैं। चिट्ठी में लिखा गया, 'आदरणीय प्रधानमंत्री, मुस्लिम, दलित और दूसरे अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों की लिंचिंग तत्काल प्रभाव से बंद होनी चाहिए। नैशनल क्राइम रेकॉर्ड ब्यूरो के आंकड़े देख हम हैरान हैं। एनसीआरबी के डेटा के अनुसार, दलितों के साथ 2016 में 840 हिंसक घटनाएं हुईं। इन अपराध में शामिल लोगों को दोषी करार देने के आंकड़े में भी कमी आई है।
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