'दावत ए इश्क', 'किल दिल', 'मेरी प्यारी बिंदू' और 'नमस्ते इंग्लैंड' जैसी लगातार फ्लॉप फिल्मों के बोझ तले दबी बॉलिवुड अभिनेत्री एक सोलो हिट फिल्म के लिए छटपटा रही हैं। फिल्मों में मिल रही असफलता के बाद परिणीति बॉलिवुड से पूरी तरह गायब भी हो गई थीं, लगभग डेढ़ साल बाद जब वह लौटीं तो उनके अंदर आए पॉजिटिव बदलाव खूब चर्चा में थे। एक सोलो हिट के लिए छटपटा रही हैं परिणीति वापसी के बाद उनकी दो दर्जन से ज्यादा बिकीनी की तस्वीरें इंटरनेट में वायरल हुई थीं। लेकिन यह बदलाव भी बहुत ज्यादा उनके काम नहीं आया। 'मेरी प्यारी बिंदू' और 'नमस्ते इंग्लैंड' जैसी उनकी सोलो रिलीज़ बुरी तरह फ्लॉप रहीं। फिल्मों के चुनाव को लेकर अब परिणीति ने नया रूल बनाया है। उन्होंने यह ऐलान किया है कि अगर वह किसी फिल्म की परफेक्ट कास्टिंग हैं तो उस फिल्म में काम नहीं करेंगी। वैसे परिणीति के इस नए रूल में कितना दम है, इसके लिए उनकी अगली फिल्मों का इंतजार करना पड़ेगा। इन दिनों परणीती अपनी फिल्म '' को लेकर सुर्खियों में हैं, इसी दौरान हमसे हुई खास बातचीत में उन्होंने कई सवालों पर खुलकर बात की। जबरदस्ती की गई कोई भी चीज अच्छी नहीं होती जबरिया मतलब जबरदस्ती और जबरदस्ती की गई कोई भी चीज अच्छी नहीं होती है, यही बात हम अपनी फिल्म में भी कह रहे हैं। असल जिंदगी में भगवान ने मेरी जोड़ी फिल्मों के साथ बनाई, वरना मैं किसी बैंक में काम कर रही होती। मैं तो लंदन में अच्छी-खासी काम कर रही थी, न जाने कैसे किस्मत मुझे मुंबई ले आई और यहां काम शुरू किया। अलग-अलग फिल्म में जोड़ियां बन रही हैं और यही जोड़ी मैं इंजॉय कर रही हूं। मुझे लगा एकता कोई डॉक्युमेंट्री जैसी फिल्म बना रही हैं मुझे फिल्म की कहानी सुनने से पहले नहीं पता था कि हमारे देश के किसी हिस्से में पकड़वा विवाह जैसी बात भी होती है। हम जब मुंबई में रहते हैं तो सोचते हैं कि देश कितना विकास कर रहा है, लेकिन ऐसी कहानियां सुनती हूं तो शॉक लगता है। जब फिल्म की प्रड्यूसर एकता कपूर से मेरी इस फिल्म के बारे में हुई तो उन्होंने मुझे बताया कि वह इसी विषय में एक फिल्म बना रही हैं। मुझे लगा कि कोई गंभीर मुद्दा है, जैसे उन्होंने फिल्म लिपस्टिक अंडर माय बुर्का बनाई थी, मुझे लगा उसी तरह की कोई डॉक्युमेंट्री जैसी कोई फिल्म होगी, लेकिन जब फिल्म के नरेशन में बैठी तो कुर्सी में लोट-लोट कर हंसी। हमने इस फिल्म में और पकड़वा विवाह की बुराई को कॉमिक ढंग में बताया है, जो लोगों का मनोरंजन करने के साथ-साथ ज्ञान भी देगी। फिल्मों का तो काम ही है चीटिंग करना हमारी फिल्म बिहार के पटना की पृष्ठभूमि पर बेस्ड है, लेकिन हमने फिल्म की शूटिंग लखनऊ में की है। उत्तर प्रदेश की सरकार का बेहद सपॉर्ट रहा और 300 लोगों के साथ लखनऊ से बिहार में जाकर शूट करना लॉजिस्टिक की कमी से हो नहीं पाया, इसलिए हमने चीटिंग कर ली है। फिल्मों का तो काम ही है चीटिंग करना। यह मेरी तीसरी फिल्म है, जो मैंने लखनऊ में शूट की है, जबरिया जोड़ी से पहले फिल्म इशकजादे और दावत ए इश्क की शूटिंग भी लखनऊ में की थी। परफेक्ट कास्टिंग से बाहर निकलना है, इस सीमा-रेखा को तोड़ना है मेरा अभी एक नया रूल है, जो मैंने अपने लिए बनाया है, अगर मैं किसी फिल्म के लिए परफेक्ट कास्टिंग हूं... तो मुझे उस फिल्म में काम नहीं करना है, किसी फिल्म का परफेक्ट कास्टिंग होने का मतलब होता है आपसे पहले से किसी तरह की उम्मीद बांध लेना या आपने मुझे पहले भी उस तरह के किरदार में देखा है, इसलिए कास्ट कर रहे हैं। मुझे यह परफेक्ट कास्टिंग से बाहर निकलना है, इस सीमा-रेखा को तोड़ना है। अगर लोग मुझे किसी ऐसी किरदार के लिए कास्ट करना चाहते हैं, जिस रोल को करने में वह मुझ पर डाउट करें, मुझे वही किरदार निभाने का चैलंज स्वीकार करना है। इस तरह मैं दर्शकों को सरप्राइज और शॉक कर सकती हूं। साइना नेहवाल और गर्ल इन द ट्रेन चैलन्जिंग फिल्में हैं मुझे लगता है साइना नेहवाल की बायॉपिक में मेरी कास्टिंग मेरे इस नए रूल का पहला कदम है। किसी खिलाड़ी की भूमिका के लिए मुझे कास्ट करना नया था। हमेशा एक स्वीट गर्ल जैसी लड़की की भूमिका निभाने वाली लड़की एक ऐसी भारतीय खिलाड़ी की भूमिका निभाएगी, जो शेरनी की तरह दहाड़ कर मैदान में उतरती है और जीत हासिल करती है। एक दूसरी फिल्म गर्ल इन द ट्रेन के हिंदी रीमेक में एक शराबी, पीड़ित, प्रताड़ित और बर्बाद लड़की की भूमिका निभाने वाली हूं। यह दोनों ही किरदार मेरे लिए नए और चैलन्जिंग हैं। देर-सबेर ही सही, लेकिन फिल्म से समाज बदलता है मुझे लगता है फिल्मों से समाज में बहुत ज्यादा बदलाव आता है। भारतीय मानसिकता को बदलने में फिल्मों का बड़ा योगदान रहा है क्योंकि हम लोग बहुत ही जज्बाती लोग हैं। हम फिल्मों से सीखते हैं। फिल्म स्टार्स की तरह खुद सजते-संवरते हैं, हम फिल्मों के गानों को अपनी हर मौके पर गाते-बजाते हैं। फिल्में हमारी लाइफ से बहुत ज्यादा जुड़ी हैं, देर-सबेर ही सही, लेकिन फिल्म से समाज बदलता है। मेरे पास कुछ फिल्मों के उदाहरण भी हैं। अगर हमारी फिल्म जबरिया जोड़ी सिर्फ 5 लोगों को दहेज की बुराई के प्रति सजग करती है, उन्हें बदलती है तो मैं इसे सफल मानूंगी। परिणीति और सिद्धार्थ के अलावा फिल्म में जावेद जाफरी, अपारशक्ति खुराना, संजय मिश्रा और चंदन रॉय सान्याल जैसे दमदार कलाकार अहम भूमिका में हैं। शोभा कपूर और एकता कपूर द्वारा निर्मित, जबरिया जोड़ी 2 अगस्त 2019 में देशभर के सिनेमाघरों में रिलीज़ होगी।
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