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Friday 2 August 2019

'पहले फेमस होना चाहते हैं, फिर मुंह छिपाते हैं'

परिणीति चोपड़ा इन दिनों चर्चा में हैं अपनी नई फिल्म 'जबरिया जोड़ी' से। 'हंसी तो फंसी' में सिद्धार्थ मल्होत्रा के साथ पसंद किए जाने के बाद इस फिल्म में फिर यह जोड़ी एक बार फिर नजर आएगी। फिल्मों, और करियर को लेकर उनसे हुई खास बातचीत: परिणीति आपका चेहरा काफी चमक रहा है। आखिर राज क्या है?सच कहूं, तो मैं बहुत थकी हुई हूं, मगर अपनी फिल्म 'जबरिया जोड़ी' को लेकर बहुत ज्यादा एक्साइटेड हूं। मैं अगर कहूं कि मेरी आनेवाली फिल्मों का लाइनअप बहुत ही दिलचस्प है, तो गलत न होगा। हाल ही में आप अपनी बहन प्रियंका चोपड़ा का जन्मदिन सेलिब्रेट करने मायामी गई थीं। क्या तोहफा दिया आपने उन्हें?(शर्माते हुए) मैंने मिमी दीदी (प्रियंका चोपड़ा) को अभी तक कोई गिफ्ट नहीं दिया। वैसे मिमी दीदी एक ऐसी इंसान हैं, जब वह किसी को गिफ्ट करती हैं, तो उनके लिए यह मायने नहीं रखता कि उसमें कितना खर्च हुआ? उनके लिए अहमियत इस बात की होती है कि उस गिफ्ट के पीछे भावना क्या है? मैं अभी कुछ अच्छा-सा गिफ्ट उनको जरूर दूंगी। वैसे मेरी फिल्म की प्रमोशंस के बीच में मियामी जाना और दो दिन के भीतर वापस भी लौटना और वह भी 7-8 फ्लाइट्स बदल कर, यह मैंने इसलिए किया, क्योंकि मैं उनका बर्थ डे मिस नहीं कर सकती थी। वह मेरी बहन हैं और उनका जन्मदिन मेरे लिए बहुत खास है। वैसे भी शादी के बाद यह उनका पहला जन्मदिन था। निक ने दो महीने से तैयारी करके। इस मौके पर सिर्फ 8-9 लोग ही आ रहे थे और मैं यह मौका किसी हाल में मिस नहीं करना चाहती थी। मुझे खुशी है कि मैं यह कर पाई। आपकी फिल्म 'जबरिया जोड़ी' का विषय जबरदस्ती शादी का है, क्या आप असल जिंदगी में कभी इस सिचुएशन में आई हैं, जब कहीं किसी के साथ जबरदस्ती नाम जुड़ा हो या किसी जबरदस्ती वाली सिचुएशन में फंसी हों?मुझे लगता है, मेरी जबरिया जोड़ी फिल्मों के साथ बना दी गई। मैंने जिंदगी में कभी सोचा नहीं था कि मैं अभिनेत्री बनूंगी। यह तो वही बात हुई कि आज मैं आपको कहूं कि मैं ऐस्ट्रोनॉट बनना चाहती हूं। फिल्म में ऐक्ट्रेस बनना मेरे लिए उतनी ही एलियन चीज थी। भगवान द्वारा फिल्मों के साथ बनाई हुई जबरिया जोड़ी से मैं बहुत खुश हूं। फिल्मों के साथ मेरी शादी अच्छी चल रही है। 'हंसी तो फंसी' में सिद्धार्थ के साथ आपकी केमिस्ट्री को बहुत पसंद किया गया था और अब 'जबरिया जोड़ी' में एक बार फिर आपकी जोड़ी साथ नजर आएगी?मैं उम्मीद करती हूं कि इस फिल्म में भी लोगों को हमारी केमिस्ट्री पसंद आए, मगर मैं आपको बता दूं कि यह फिल्म 'हंसी तो फंसी' से बिलकुल अलग है। इसकी अलग तरह की स्क्रिप्ट ने ही हमें इस फिल्म को करने के लिए प्रेरित किया। मैं और सिद्धार्थ एक अरसे से ऐसी किसी स्क्रिप्ट की तलाश में थे, जिसमें कुछ अलग हो और हम साथ भी हों। वह बात हमें 'जबरिया जोड़ी' में नजर आई। हम दोनों के लिए यह फिल्म बहुत चुनौतीपूर्ण थी। इसकी लिंगो (भाषा) बहुत अलग है। ये पंजाबी और गुजराती की तरह नहीं है। हमारे पास पटना की भाषा के लिए कोच थे। इस रोल को निभाने में निर्देशक ने भी हमें बहुत मदद की। 'नमस्ते इंग्लैंड' की नाकामी को आपने कैसे हैंडल किया?'नमस्ते इंग्लैंड' से ऐन पहले रिलीज हुई मेरी फिल्म 'गोलमाल' बॉक्सऑफिस पर रेकॉर्ड ब्रेक साबित हुई थी, तो हिट-फ्लॉप चलता रहता है। सफल फिल्में खुशी देती हैं और नाकाम फिल्में सीख। बॉक्स ऑफिस पर मेरा नियंत्रण नहीं है। मैंने सोचा भी नहीं था कि 'गोलमाल' ब्लॉक बस्टर साबित होगी और ना ही मैंने 'नमस्ते इंग्लैंड' की उम्मीद की थी। मैं सिर्फ अपना काम करने में काम करती हूं। इसके बावजूद मानना पड़ेगा कि आप फिल्मों के मामले में खुशकिस्मत हैं कि आपकी आनेवाली फिल्में चाहे वह 'सायना' हो या 'भुज' बहुत ही दिलचस्प हैं? आप सही कह रही हैं। मैंने तय किया है कि वही फिल्में करूंगी, जो मुझे चुनौती दें, जिनमें मैं फिट न बैठूं। मुझे अपनी इमेज के विपरीत फिल्में करना है। 'सायना नेहवाल', 'गर्ल ऑन द ट्रेन', 'भुज' वे फिल्में हैं, जिसमें मैं आपको चौंकाना चाहती हूं। मैं चाहती हूं कि स्क्रीन पर आप परिणीति चोपड़ा के बजाय किसी नई लड़की को देखें। मियामी में भी पैपराजी ने आप लोगों का पीछा नहीं छोड़ा। कैसा महसूस होता है दिन-रात लोगों और कैमरे की आंखों में कैद रहना? सही कह रही हैं हम कलाकारों को हमेशा अंडर ऑब्जर्वेशन रहना पड़ता है। मैं सुबह ही सिद्धार्थ से कह रही थी कि यह दोधारी तलवार की तरह होती है। जिस तरह का अटेंशन मुझे मीडिया से मिलता है, अगर वैसा न मिले तो शायद मैं डिप्रेशन में चली जाऊं, क्योंकि अभिनेत्री के रूप में मेरा मकसद वही है कि ज्यादा फेमस होऊं, लोगों तक पहुंचूं। मीडिया मेरी फोटोज ले। अगर मैं एयरपोर्ट जा हूं और वे मेरी तस्वीरें लेते हैं, तो मुझे मंजूर है, क्योंकि मुझे फेमस होना है, मगर ये भी सही है कि जब आप इस दुनिया से नहीं होते, तब आप इस ग्लैमर वर्ल्ड के रस्म-ओ-रिवाज को समझ नहीं पाते। अब अगर आज रात को मुझे पीवीआर में फिल्म देखने जाना है और मेरे पास कपड़े नहीं हैं, तो मैं नहीं जा सकती। जाहिर-सी बात है, वहां मेरी तस्वीरें खींची जाएंगी और वे अगर बुरी आएंगी, तो आप ही लोग मुझे गाली देंगे। तो मेरी फिल्म मिस हो जाती है। ये बहुत अजीब बात है कि हम पहले तो फेमस होना चाहते हैं, फिर जब फेमस हो जाते हैं, तो अपना चेहरा छुपाना चाहते हैं। मैं एक नॉन फिल्म बैकग्राउंड से हूं, तो कई बार जब मैं गाड़ी से उतरती हूं और लोग मेरी तस्वीरें खींचते हैं, तो मुझे लगता है कि ये लोग मुझे क्यों क्लिक कर रहे हैं। फिर याद आता है कि मैं फिल्म स्टार हूं। लोग मुझे प्यार करते हैं, जानते हैं, अपनी पोजिशन को मैं बिलकुल भी कोसती नहीं हूं। आपके चाहने वाले आपको और ज्यादा देखना चाहते हैं। 'केसरी' के छोटे-से रोल ने उन्हें बहुत निराश किया। उनका कहना था कि परिणीति ने 'केसरी' क्यों की?जिस वक्त हम 'केसरी' का प्रमोशन कर रहे थे। उस वक्त भी मैंने झूठ नहीं बोला कि मेरा रोल बड़ा है। मैंने सभी से कहा कि मैं गेस्ट अपीयरेंस में हूं। मैं अपने साथ जी नहीं पाती, अगर मैंने 'केसरी' के लिए मना किया होता। आप ही देखिए, कमाल की स्क्रिप्ट थी। अतीत में भी आपने देखा होगा कि कितने सुपरस्टार्स ने मजे के लिए, स्क्रिप्ट के लिए छोटे-छोटे रोल किए हैं। गोविंदा सर 'अंदाज अपना अपना' में कुछ सेकंड्स के लिए दिखाई दिए थे। कभी-कभी इस तरह की फिल्में करने का भी अपना मजा होता है। मुझे जो भी दो-चार सीन दिए गए, मैं उन्हें खूबसूरती से निभाना चाहती थी और मैंने किया। मैं गर्व से कह सकती हूं कि 'केसरी' मेरी फिल्म थी।


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