सोनू सूद (Sonu Sood) आज हर किसी के दिल में बस गए हैं। उन्होंने लॉकडाउन के बाद से तमाम लोगों की अलग-अलग तरह से मदद की है। हालांकि, एक वक्त ऐसा था जब उन्होंने भी फिल्म इंडस्ट्री में पैर जमाने के लिए काफी संघर्ष किया था।
सोनू सूद... (Sonu Sood) पिछले एक साल से आप यह नाम लगातार हर अखबार, टीवी चैनल्स, न्यूज वेबसाइट्स में देख-सुन रहे होंगे। देखते ही देखते देश और दुनिया में हर जुबां पर बॉलिवुड ऐक्टर सोनू सूद का नाम आ गया। हर तरफ उनकी प्रशंसा होने लगी। वजह उनका 'फरिश्तों' वाला अंदाज! सोनू ने लॉकडाउन के दौरान प्रवासी मजदूरों को एक जगह से दूसरी जगह पहुंचाया, सबसे बड़ी आपदा के दौरान उन्होंने बहुत से लोगों के रहने और खाने इंतजाम किया। इसके बाद वह तब और चर्चा में आ गए जब एक ट्वीट पर ही लोगों की मदद करने लगे। इस बीच एयरलाइंस स्पाइसजेट (Spicejet) ने स्पेशल तरीके से सोनू का आभार जताया है और उनकी तस्वीर जहाज पर लगाई है। इसे देख सोनू को मोगा से मुंबई की अपनी यात्रा की याद आ गई। कैसी थी सोनू की यह जर्नी, आज हम आपको बता रहे हैं...
मां से बहुत प्यार करते थे सोनू
सोनू सूद पंजाब के मोगा जिले के रहने वाले हैं। वह बचपन से ऐक्टर बनना चाहते थे। सोनू को अपनी मां से बहुत लगाव था। चूंकि मां प्रफेसर थीं, ऐसे में वह चाहती थीं कि सोनू बड़े होकर अच्छा काम करें।
अमिताभ बच्चन के थे फैन
सोनू को इंजिनियरिंग के लिए नागपुर भेज दिया गया। यहां आने के बाद वह इंजिनियर बन भी गए लेकिन उनके अंदर ऐक्टिंग का कीड़ा पहले से था। वह अमिताभ बच्चन को अपना आइडल मानते थे।
सोनू ने मांगा था एक साल का वक्त
सोनू के पिता की पंजाब में ही कपड़े की ही दुकान थी। इसका नाम 'बॉम्बे क्लाथ हाउस' था। सोनू ने अपनी मां से कहा कि मुझे एक साल का वक्त दीजिए और मुंबई जाने दीजिए। अगर मैं कुछ नहीं कर सका तो वापस आकर कपड़े की दुकान संभाल लूंगा। उस वक्त किसी को अंदाजा भी नहीं था कि सोनू 'बॉम्बे क्लाथ हाउस' नहीं, मुंबई में बनने वाली फिल्में संभालने लगेंगे।
सड़कें पता करने में लग गया एक साल
सोनू को शुरू में काफी स्ट्रगल करना पड़ा। एक साल का वक्त तो उन्हें मुंबई की सड़कें पता करने में लग गया। जिस सोनू ने लॉकडाउन के दौरान मुंबई में फंसे हजारों प्रवासी मजदूरों को वापस अपने घर भेजने के लिए बसों की लाइनें लगा दीं, एक वक्त पर वह खुद 420 रुपये महीने का पास निकालकर लोकल ट्रेन से सफर किया करते थे।
स्टूडियोज के चक्कर काटते थे सोनू
यहीं नहीं, जिस सोनू ने आज हजारों लोगों के रहने-खाने की व्यवस्था की, वह भी एक कमरे के घर में मुश्किल से गुजारा करते थे। उस कमरे में 3 से 4 लोग उनके साथ रहते थे। काम ढूंढने के सिलसिले में सोनू स्टूडियोज के चक्कर काटते थे। जब कॉल आता था तो उनके साथ 200 लोग और खड़े होते थे। हर बार वह रिजेक्ट हो जा रहे थे और कहीं काम नहीं मिल रहा था।
ऐसे बदली सोनू की किस्मत
इसके बाद सोनू ने अपनी तस्वीरें ऐसी जगह भेजीं जहां तलाश ऐक्ट्रेस के लिए लड़की की हो रही थी। हालांकि, यहीं से सोनू की किस्मत बदली। उन्हें कॉल आया कि उन्हें साउथ इंडियन फिल्म के लिए सिलेक्ट कर लिया गया है। ऑडिशन के लिए आ जाइए। इसके बाद सोनू पहुंच गए दक्षिण भारत।
ऑडिशन में हुआ अजीबोगरीब वाकया
सोनू का ऑडिशन अजीबोगरीब था। मेकर्स ने उनसे शर्ट उतारने के लिए कह दिया। पहले सोनू को यह थोड़ा विचित्र लगा लेकिन फिर उन्होंने शर्ट उतार दी। लोगों ने उनकी बॉडी की काफी तारीफ की और इस तरह वह फिल्म के लिए सिलेक्ट हो गए।
भगत सिंह बने और चल निकली गाड़ी
सोनू ने पहले तमिल फिल्म की, इसके बाद उन्होंने तेलुगू फिल्म में काम किया। इस तरह सोनू की गाड़ी चल निकली और फिर हिंदी फिल्म 'शहीद-ए-आजम भगत सिंह' में उन्हें भगत सिंह का रोल ऑफर हुआ। असल मायनों में उन्हें यहीं से पहचान मिली।
इन फिल्मों में किया जबरदस्त काम
इसके बाद सोनू ने 'युवा', 'आशिक बनाया आपने', 'जोधा अकबर', 'सिंह इज किंग', 'दबंग', 'शूटआउट ऐट वडाला', 'रमैया वस्तावैया', 'आर राजकुमार', हैपी न्यू इयर, 'पलटन', 'सिम्बा' जैसी फिल्में कीं और दर्शकों के दिलों में खास जगह बना ली।
from Entertainment News in Hindi, Latest Bollywood Movies News, मनोरंजन न्यूज़, बॉलीवुड मूवी न्यूज़ | Navbharat Times https://ift.tt/3c2O4Ka
via IFTTT
No comments:
Post a Comment