इस वीकेंड 'डांस दीवाने 3' () रियलिटी शो में हिंदी सिनेमा की 3 दिग्गज अदाकारा-आशा पारेख (), हेलन () और वहीदा रहमान () बतौर मेहमान शामिल होंगी। हाल ही इस एपिसोड की शूटिंग की गई और इस दौरान शो की जज माधुरी दीक्षित ने आशा पारेख, हेलन और वहीदा रहमान के साथ खूब मस्ती की। उन्होंने तीनों हिरोइनों के साथ उनके मशहूर गानों पर परफॉर्म भी किया। माधुरी ने परफॉर्मेंस (Madhuri performs with Helen, Asha Parekh and Waheeda Rehman) के वीडियो अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर शेयर किए हैं, जो सोशल मीडिया पर छा गए हैं। एक वीडियो में वह वहीदा रहमान के साथ उन्हीं के हिट गाने 'पान खाए सइयां हमारो' पर परफॉर्म कर रही हैं। इसमें माधुरी दीक्षित के साथ-साथ वहीदा रहमान के एक्सप्रेशन भी देखने वाले हैं। वहीं माधुरी ने हेलन के साथ 'मुंगडा' गाने पर परफॉर्म किया और आशा पारेख के साथ 'अच्छा तो हम चलते हैं' गाने पर जुगलबंदी दिखाई। फैन्स इन वीडियो को खूब पसंद कर रहे हैं। 50 के दशक में तीनों ने साथ शुरू किया करियर बता दें कि आशा पारेख, वहीदा रहमान और हेलन ने 50 के दशक में अपने करियर की शुरुआत की थी और आने वाले कई सालों तक फिल्मी पर्दे पर राज किया। आशा पारेख ने बतौर चाइल्ड आर्टिस्ट 1952 में अपने करियर की शुरुआत की थी। इसके बाद उन्होंने कुछेक फिल्में और कीं और फिर पढ़ाई की वजह से ऐक्टिंग छोड़ दी। फिर 1959 में आशा पारेख ने एक हीरोइन के तौर पर फिल्मों में एंट्री की और कई यादगार फिल्में दीं। 1951 में ग्रुप डांसर के तौर पर हेलन की एंट्री, सलमान के पिता से शादी वहीं हेलन ने 1951 से अपने करियर की शुरुआत की । उनकी एक ऐक्ट्रेस फ्रेंड कुकू ने फिल्मों में ग्रुप डांसर के तौर पर एंट्री दिलवाई, जिसके बाद हेलन धीरे-धीरे आगे बढ़ने लगीं और फिर कई फिल्मों में सोलो डांसर के तौर पर परफॉर्म किया। हेलन को बड़ा ब्रेक साल 1958 में मिला, जब उन्होंने 'मेरा नाम चिन चिन चू' गाने पर परफॉर्मं किया था। इसके बाद तो हेलन के करियर की दिशा ही पलट गई। 60 और 70 के दशक में हर तरफ हेलन के ही जलवे थे। 1983 में हेलन ने फिल्मों को हमेशा के लिए अलविदा कह दिया और बस कुछ ही फिल्मों में कैमियो रोल में नजर आईं। 1981 में उन्होंने सलमान खान के पिता सलीम खान से शादी कर ली थी। आइटम नंबर से वहीदा रहमान का करियर शुरू, अब फिल्मों से दूर वहीं वहीदा रहमान ने 50 के दशक में आइटम नंबरों से करियर शुरू किया और बाद में फिल्मों में ऐक्टिंग के रास्ते खुल गए। उन्होंने 'प्यासा', 'गाइड', 'कागज के फूल', 'काला बाजार', 'बात एक रात की', 'साहिब बीवी और गुलाम' और 'पत्थर के सनम' जैसी ढेरों फिल्में कीं। 70 के दशक में वहीदा रहमान ने लीडिंग हिरोइन के तौर पर काम करना बंद कर दिया और वह कैरेक्टर रोल करने लगीं। फिलहाल वह ऐक्टिंग से दूर हैं।
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