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Thursday 18 March 2021

रिया की जमानत का विरोध, NCB और केंद्र को SC की नसीहत- सिर्फ टिप्‍पणी के ख‍िलाफ याचिका नहीं होती

रिया चक्रवर्ती (Rhea Chakraborty) से जुड़े एक केस के मामले में गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने केंद्र सरकार (Central Government) से कहा कि बेल ऑर्डर में सिर्फ अवलोकन और टिप्‍पणी (Observations) के आधार पर पिटिशन को चैलेंज नहीं किया जा सकता है। चीफ जस्‍टिस की अगुवाई वाली बेंच नारकोटिक्‍स कंट्रोल ब्‍यूरो (NCB) के जरिए केंद्र सरकार की दायर की गई याचिका पर सुनवाई कर रही थी। पिटिशन बॉम्‍बे हाई कोर्ट के ऑब्‍जर्वेशन्‍स के खिलाफ दायर की गई थी जिसमें सुशांत सिंह राजपूत (Sushant Singh Rajput) की मौत के मामले में हुए NDPS केस में रिया चक्रवर्ती को बेल दे दी गई थी। केंद्र की ओर से सॉलिसिटर तुषार मेहता ने बेंच से कहा, 'पिटिशन में जमानत देने को चैलेंज नहीं किया गया है। मेरी चिंता यह है कि कोर्ट ने NDPS ऐक्‍ट को लेकर कुछ ऑब्‍जर्वेशन्‍स किए हैं जो कि ऐक्‍ट को अयोग्‍य बनाते हैं।' चीफ जस्टिस ने क्‍या कहा? चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया ने तुषार मेहता से कहा, 'हमें नई चीजें मिली हैं जिसे समझना आपके लिए बेहद मुश्‍किल है। आप ऑब्‍जर्वेशन्‍स को चैलेंज करते हुए पिटिशन फाइल नहीं कर सकते हैं। आप सिर्फ ऑर्डर को चैलेंज कर सकते हैं। ऑब्‍जर्वेशन्‍स प्रथम दृष्‍टया (Prima Facie) हैं।' सॉलिसिटर जनरल ने मांगा समय इस पर तुषार मेहता ने याचिका में संशोधन के लिए समय मांगा ताकि जमानत दिए जाने के खिलाफ वे चैलेंज को शामिल कर सकें। इस रिक्‍वेस्‍ट की परमिशन देते हुए अब बेंच मामले की सुनवाई अगले सोमवार को करेगी। बता दें, बेंच में जस्टिस एएस बोपन्‍ना (AS Bopanna) और जस्‍ट‍िस वी रामासुब्रमण्‍यन (V Ramasubramanian) भी शामिल हैं। पिछले साल 7 अक्‍टूबर को मिली थी रिया को जमानत गौरतलब है कि पिछले साल 7 अक्‍टूबर को जस्टिस एसवी कोटवाल की सिंगल बेंच ने रिया चक्रवर्ती को जमानत दे दी थी जो कि 8 सितंबर से कस्‍टडी में थीं। उनके खिलाफ एनसीबी ने केस दर्ज किया था और आरोप लगाया था कि दिवंगत ऐक्‍टर सुशांत सिंह राजपूत के लिए 'गांजे' का इंतजाम करती थीं। हाई कोर्ट के क्‍या थे ऑब्‍जर्वेशन्‍स? हाई कोर्ट ने एनसीबी की दलीलों को खारिज कर दिया था जिसमें एजेंसी ने कहा था कि रिया ड्रग डीलर्स और ड्रग ट्रेड में शामिल थीं। कोर्ट ने NDPS ऐक्‍ट के सेक्‍शन 27A के स्‍कोप का जिक्र करते हुए कहा था कि सिर्फ ड्रग्‍स खरीदने के लिए पैसे देना और सिर्फ किसी शख्‍स द्वारा ड्रग्‍स का इस्‍तेमाल, अवैध व्‍यापार को फाइनैंस करना और अपराधी को शरण देना नहीं हो जाता है।


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