बॉलिवुड ऐक्टर सोनू सूद () जब भी कोरोनावायरस महामारी (Coronavirus Pandemic) और लॉकडाउन के बारे में सोचते हैं तो उनके दिमाग में सबसे पहले एक ही शब्द आता है वह है 'आम जनता।' पिछले साल हजारों प्रवासी मजदूरों की मदद करने से लेकर ऑक्सीजन कॉन्सेंट्रेटर लोगों को पहुंचाने तक उन्होंने हर तरह से लोगों की मदद की है। इस साल की शुरुआत में एक इंटरव्यू में ऐक्टर ने कहा,'मैं कोई सुपरहीरो नहीं हूं। मैं सिर्फ जनता से जुड़ा हुआ महसूस करता हूं। आम जनता को लगता है कि मैं उनकी समस्याओं का समाधान कर सकता हूं। ऐसे में मैं खुद को धन्य महसूस करता हूं।' सोनू आगे कहते हैं,'यह सब पिछले साल शुरू हुआ जब मैंने एक परिवार को कर्नाटक वापस भेजने के बारे में सोचा और 'परिवार 350' लोगों का निकला। वे पहली बसें थीं जिन्हें मैंने मुंबई से कर्नाटक के लिए भेजा था। ट्रेन, बस और बाइक के जरिए प्रवासी मजदूरों को भेजने का सफर वहीं से शुरू हुआ। मैंने कसम खाई थी कि मैं तब तक नहीं रुकूंगा जब तक कि आखिरी व्यक्ति सुरक्षित अपने घर नहीं पहुंच जाता है।' उन्होंने कहा,'इसमें कुछ महीने लग गए क्योंकि किर्गिस्तान, कजाकिस्तान, जॉर्जिया, फिलीपींस और रूस जैसे दूर-दराज के स्थानों में फंसे लोग मेरे पास पहुंचे क्योंकि वे घर वापस आना चाहते थे। तुम्हें पता है, इतने सालों में जब मैं फिल्में कर रहा था, तब सब खत्म हो गया जब निर्देशक ने "कट" कहा। लेकिन मैं अभी जो कर रहा हूं, उसके लिए कोई "कट" नहीं है। भगवान निर्देशक हैं और मैं एक वास्तविक भूमिका निभा रहा हूं जिसे मैं हमेशा अपने जीवन में निभाना चाहता था। मैंने किसी प्रोटोकॉल का पालन नहीं किया लेकिन बस अपने दिल का पालन किया। मैं हर एक व्यक्ति के साथ आमने-सामने जुड़ा। वह किसी भी जाति, रंग, पंथ या राज्य से संबंधित हो। मैंने उनके साथ फोन पर दिन बिताए हैं और मैं उनका दर्द सचमुच जी रहा था। मुझे लगता है कि वे मेरा परिवार हैं।'
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