ट्विटर पर आम लोग ही नहीं, सिलेब्रिटीज के बीच भी अक्सर बहस हो जाती है और इसका ताजा उदाहरण कंगना रनौत की बहन रंगोली और ऐक्ट्रेस के पोस्ट हैं। दरअसल, यह ट्विटर वॉर तब से शुरू हुआ जब एक सोशल मीडिया यूजर ने कहा कि फिल्म 'सांड की आंख' में शूटर दादियों के रोल के लिए नीना गुप्ता, शबाना आजमी या जया बच्चन ज्यादा बेहतर होतीं लेकिन मेकर्स ने भूमि और तापसी को चुना। इस पर नीना गुप्ता ने भी सहमति जताई। उन्होंने यूजर को जवाब देते हुए लिखा, 'हां, मैं भी इस बारे में सोच रही थी। हमारी उम्र के रोल तो कम से कम हमसे करा लो भाई।' इसके बाद कंगना रनौत की बहन रंगोली चंदेल ने ट्विटर पर दावा किया कि यह फिल्म कंगना को ऑफर हुई थी लेकिन उन्होंने इसे करने से इनकार कर दिया और सजेस्ट किया कि इस रोल के लिए राम्या कृष्णन या नीना गुप्ता को कास्ट किया जाना चाहिए। ये पुरुष अपने गंदे दिमाग से लिंगभेद को नहीं हटा सकते हैं।' इसके बाद जवाब में तापसी पन्नू ने ट्वीट किया। उन्होंने पूछा कि ये लोग जो बड़े उम्र के रोल पर सवाल उठा रहे हैं, उन्होंने अपनी आवाज तब क्यों नहीं उठाई जब नरगिस दत्त, अनुपम खेर और दूसरे ऐक्टर्स ने अपने से अधिक उम्र के कैरक्टर्स प्ले किए। उन्होंने यह भी पूछा कि आयुष्मान खुराना अपनी अगली फिल्म 'शुभ मंगल सावधान' में गे कैरक्टर प्ले करेंगे तो क्या लोग उनसे भी सवाल करेंगे। इस पर रंगोली ने एक बार भी जवाब दिया। उन्होंने तापसी के ट्वीट पर रिप्लाई करते हुए लिखा, 'ऐक्टिंग का ए भी नहीं आता और खुद की तुलना लेजंड्स से कर रही हैं। भाई जा थोड़ी ऐक्टिंग सीख ले। चांदी के बाल और सस्ता प्रोस्थेटिक आपको ऐक्टर नहीं बना देगा। 60 वर्ष की उम्र वाली बॉडी लैंग्वेज का क्या? बुजुर्ग वाली आवाज कहां है? ऐक्टिंग कहां है? सो फनी!' बता दें, 'सांड की आंख' की कहानी उत्तर प्रदेश के बागपत के जोहरी गांव की दो महिलाओं चंद्रो तोमर और प्रकाशी तोमर यानी शूटर दादी की जिंदगी पर आधारित है। दोनों ने 60 वर्ष की उम्र में स्थानीय राइफल क्लब में शूटिंग सीखनी शुरू की थी। यह फिल्म इस साल दीवाली के मौके पर रिलीज होने जा रही है। फिल्म में भूमि पेडनेकर ने चंद्रो और तापसी पन्नू ने प्रकाशी की भूमिका निभाई है।
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