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Wednesday, 18 August 2021

Ullu App के CEO पर छेड़छाड़ का आरोप लगाने वाली पीड़‍ित गिरफ्तार, फर्जी केस का अंदेशा

'उल्लू डिजिटल' ( ) के सीईओ विभु अग्रवाल () के खिलाफ एक लड़की ने कुछ दिन पहले छेड़छाड़ का केस दर्ज कराया था। अब इस पूरी घटना में एक चौंकाने वाला खुलासा सामने आया है। बुधवार की सुबह लड़की को वर्सोवा स्थित उसके घर से लखनऊ पुलिस (Lucknow Police) ने गिरफ्तार कर लिया और आगे की जांच के लिए लड़की को लखनऊ ले जाया जाएगा। इस पूरे मामले में पुलिस अब यह अंदेशा लगा रही है कि लड़की ने सीईओ के खिलाफ फर्जी मामला दर्ज कराया है। सागरिका शोना सुमन ने सेशन कोर्ट का किया रूख इस बीच ऐक्ट्रेस और मॉडल सागरिका शोना सुमन ने 'उल्लू डिजिटल प्राइवेट लिमिटेड' के सीईओ विभु अग्रवाल और कंट्री हेड अंजलि रैना को दी गई अंतरिम अग्रिम जमानत को रद्द करने के लिए मुंबई के डिंडोशी सेशन कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। सागरिका ने एक बयान में कहा, 'विभु अग्रवाल को अंतरिम अग्रिम जमानत सिर्फ इसलिए मिली है, क्योंकि अंबोली पुलिस स्टेशन शुरू से ही उनका साथ दे रही है। आईओ (जांच अधिकारी) को प्रबंधित किया गया है। मैंने सीपी (पुलिस आयुक्त) और संयुक्त सीपी (अपराध) को लिखित में शिकायत की है, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई।' मामले की जांच के लिए महिला अधिकारी की नियुक्त क्यों नहीं की गई? सागरिका आगे कहती हैं,' सबसे पहले महिलाओं के खिलाफ अपराध के मामलों में एक महिला अधिकारी को आईओ नियुक्त किया जाना चाहिए, लेकिन इस मामले में हैरान कर देने वाली बात यह है कि इस पूरे मामले की जांच के लिए एक पुरुष अधिकारी को आईओ के रूप में नियुक्त किया गया है। पहले दिन से आईओ से समझौता किया जाता है। यहां तक कि शिकायतकर्ता पीड़िता भी कई मौकों पर ऐसा कह चुकी हैं।' इस बीच विभु अग्रवाल और अंजलि रैना को सशर्त अंतरिम अग्रिम जमानत के तहत मंगलवार को सुबह 11 बजे से दोपहर 2 बजे के बीच अंबोली पुलिस स्टेशन में पेश होना था। लेकिन आईओ उस वक्त उपस्थित नहीं थे। उसी के बारे में शिकायत करते हुए सागरिका ने कहा,'यह बिल्कुल नई अवधारणा है।' पैसों वालों को हर तरफ से राहत मिलती है सागरिका ने कहा,' मैंने मामलों की सुनवाई के दौरान अदालतों द्वारा दी गई गिरफ्तारी से अंतरिम राहत या अंतरिम सुरक्षा के बारे में सुना है, लेकिन अंतरिम अग्रिम जमानत के लिए ऐसा कुछ करना पूरी तरह नया है। पुलिस, लोक अभियोजक, सभी को आरोपी द्वारा प्रबंधित किया गया है। बड़ी जेब वाले लोगों को हर तरह की राहत मिलती है, लेकिन गरीब महीनों तक जेल में रहते हैं, यहां तक कि छोटे-मोटे अपराधों के लिए भी।' इस मामले में पीड़िता ने एक लिखित शिकायत के जरिए मंगलवार शाम को बांद्रा स्थित डीसीपी ऑफिस में अभिषेक त्रिमुखे से मुलाकात की और अंबोली पुलिस अधिकारियों द्वारा जांच में चूक के वरिष्ठ अधिकारी को जानकारी दी। वहीं, जोनल डीसीपी ने मामले की जांच कराने का आश्वासन दिया है।


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